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Vish Dosh

विष दोष

Pineapple ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाग्य चक्र में शुभ योग व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लाता है। अशुभ योग परेशानी बढ़ाता है। ऐसा ही एक योग है विष योग जो अशुभ योग है। जिनकी जन्म कुंडली में विष योग होता है उन्हें हर तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष में शनि और चंद्रमा को विशेष ग्रह माना गया है। न्याय के देवता शनि जहां ढाई साल में राशि बदलते हैं वहीं चंद्रमा को अपनी राशि बदलने में ढाई दिन का समय लगता है। जब शनि और चंद्र राशि में मिलते हैं तो विष योग बनता है। जब शनि और चंद्रमा एक दूसरे को पार करते हैं तो इस अशुभ योग का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। विष योग के प्रभाव में व्यक्ति का जीवन नरक बन जाता है।


कुंडली में ‘विष योग’ हो तो जीवन बन जाता है ‘नर्क’, जानिए कैसे?


चन्द्रमा भी दूध का कारक है और दूध में विष मिल जाने पर वह सफेद से नीला हो जाता है और नीला रंग राहु का माना जाता है और शनि का अर्थ यह भी है कि इन दोनों ग्रहों का व्यक्ति पर पूर्ण प्रभाव पड़ता है। चंद्रमा हमारे मन और मानसिक सुख का कारण है, जबकि शनि दुख और वैराग्य का कारण है। जब चन्द्रमा को शनि का साथ मिल जाता है तो उस व्यक्ति में चन्द्रमा की चंचलता समाप्त हो जाती है। इस पर शनि की उदासी हावी होती है।


ऐसे बनता है विष योग


Pineapple चंद्रमा और शनि एक साथ होने से विष योग नहीं बन जाता है। सबसे पहले ज्योतिषी को जातक के कुंडली में मौजूद उनके भागों को देखना चाहिए। यदि इनकी डिग्रियों में 12 डिग्री का अंतर दिखाई दे रहा है तो विष योग प्रभावी नहीं होगा और यह योग अपना पूरा साइड इफेक्ट नहीं दे पाएगा। इसके बाद देखा जाता है कि लग्न की कुंडली में यह योग, किस भाव में बन रहा है। उदाहरण के लिए मेष लग्न की कुण्डली में यदि ये दोनों लग्न में यह योग बन रहा है तो ही प्रभावी होगा क्योंकि शनि मेष राशि में नीच का है, लेकिन वही योग दशम भाव में हो तो यह योग प्रभावी नहीं होगा। क्योंकि शनि अपनी ही राशि में होगा और चंद्रमा आपकी भाव को देख रहा होगा।

विष योग के कारण जातकों को मिलते हैं कष्ट

Pineapple जन्म कुंडली में यदि विष योग बन रहा है तो उसका जातक के जीवन पर विशेष प्रभाव देखने को मिलता है। व्यक्ति के जीवन में आर्थिक, करियर और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लाता है। जीवन में हमेशा विचार और चिंताएं होती हैं। उनके बीच के संबंध कटु हो जाते हैं। वैवाहिक संबंध टूट सकते हैं। परिवार की शांति भंग होती है। लोग गलत काम या गलत काम में शामिल हो जाते हैं। कुल मिलाकर विष योग के प्रभाव में जातक पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है।

विष योग से बचने के ज्योतिषीय उपाय

विष योग के मामले में संबंधित व्यक्ति को शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए और मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। वहीं सोमवार और शनिवार की सुबह महादेव और शनि की पूजा करनी चाहिए। पूजा के साथ शिव चालीसा का पाठ किया जा सकता है। इसके अलावा पीपल के पेड़ के नीचे नारियल को अपने सिर के चारों ओर 7 बार घुमाकर तोड़ना होता है। इस बाद नारियल को सभी में बांट दें और हर शनिवार सुबह-शाम शनि मंदिर जाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।